Taal Makhana
परिचय-
गोकुलकांता, जिसे Hygrophila auriculata या तालमखाना भी कहा जाता है, आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण औषधि है। यह मुख्य रूप से दलदली और जलभराव वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। भारतीय चिकित्सा प्रणाली में इसे मूत्र संबंधी विकार, पाचन तंत्र की समस्या, यौन कमजोरी और शरीर को बल प्रदान करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
मखाना और तालमखाना मे अंतर:
मखाना कमल के पौधे का फल होता है जो खाने के लिए इस्तेमाल होता है. वहीं, तालमखाना (या कोकिलाक्ष) एक कंटीले पौधे का बीज होता है, जो तिल जैसा दिखता है और आयुर्वेद में दवा के रूप में इस्तेमाल होता है
गोकुलकांता(तालमखाना)के प्रमुख गुणधर्म (Properties)
रस (स्वाद): मधुर, तिक्त
गुण: गुरु, स्निग्ध
वीर्य: शीत
विपाक: मधुर
दोष प्रभाव: यह पित्त और वात को संतुलित करता है।
अंग: जड़, पत्ते, बीज और तना सभी भाग औषधीय उपयोग में लिए जाते हैं।
औषधीय उपयोग (Medicinal Uses)
गोकुलकांता (तालमखाना)एक बहुउपयोगी औषधि है। यह शरीर को शक्ति देने के साथ-साथ कई रोगों से राहत दिलाने में सहायक है।
गोकुलकांता (तालमखाना) (Hygrophila auriculata) के उपयोग
1. मूत्र संबंधी रोगों में उपयोग
गोकुलकांता (तालमखाना)एक मूत्रवर्धक (Diuretic) औषधि है। यह पेशाब की रुकावट, जलन और कम मात्रा में आने की समस्या को दूर करता है। इसका काढ़ा या बीज का चूर्ण मूत्र की धारा को सामान्य करता है और मूत्राशय की सूजन कम करता है।
2. गुर्दे की पथरी (Kidney Stone)
आयुर्वेद में गोकुलकांता (तालमखाना) का प्रयोग पथरी गलाने और मूत्रमार्ग से निकालने में किया जाता है। इसके बीज और जड़ का काढ़ा पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर बाहर निकालने में मदद करता है।
3. शरीर को बल और ऊर्जा देना
यह पौधा एक बल्य (Strength Promoter) औषधि है। इसके नियमित सेवन से कमजोरी, थकान और शरीर में आई शिथिलता दूर होती है। बीज का लेप और चूर्ण ताकत और सहनशक्ति बढ़ाने में सहायक होता है।
4. पाचन शक्ति में सुधार
गोकुलकांता (तालमखाना) का काढ़ा अपच, गैस और कब्ज में लाभकारी है। इसके तिक्त और शीतल गुण आंतों की गर्मी और पाचन संबंधी विकारों को संतुलित करते हैं।
5. बवासीर (Piles)
गोकुलकांता(तालमखाना) रक्तस्राव को रोकने और सूजन को कम करने में उपयोगी है। यह रक्तपित्त और बवासीर में दिया जाता है। इसका लेप गुदा की सूजन और जलन को भी शांत करता है।
6. ज्वर (Fever)
यह पौधा शरीर की गर्मी और बुखार कम करने में सहायक है। बुखार की अवस्था में इसका काढ़ा या अर्क पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और कमजोरी भी कम होती है।
7. यकृत विकार (Liver Disorders)
गोकुलकांता (तालमखाना)यकृत टॉनिक की तरह काम करता है। यह हेपेटाइटिस, पीलिया और लीवर की कमजोरी में लाभकारी है। इससे लीवर की कोशिकाएं सक्रिय होकर शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त करती हैं।
8. यौन शक्ति वर्धक
आयुर्वेद में इसे वीर्यवर्धक और वृष्य (Aphrodisiac) औषधि माना गया है। यह शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाता है, यौन शक्ति में सुधार करता है और नपुंसकता जैसी समस्या में उपयोगी है।
9. गठिया और जोड़ों का दर्द
गोकुलकांता (तालमखाना)का पेस्ट या काढ़ा गठिया और संधिवात (Arthritis) में प्रयोग किया जाता है। यह सूजन, जकड़न और दर्द को कम करता है।
10. त्वचा रोग
इस पौधे में रक्तशोधक (Blood Purifier) गुण होते हैं। दाद, खुजली, फोड़े-फुंसी और त्वचा की एलर्जी में इसका लेप लगाने और आंतरिक सेवन से आराम मिलता है।
11. रक्तवर्धक (Blood Booster)
गोकुलकांता (तालमखाना)का उपयोग एनीमिया (खून की कमी) में किया जाता है। यह रक्त की शुद्धि और नए रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है।
12. स्त्री रोगों में उपयोग
यह पौधा मासिक धर्म की अनियमितता और अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या को नियंत्रित करता है। साथ ही यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध की वृद्धि करता है।
13. मधुमेह (Diabetes)
गोकुलकांता (तालमखाना)का सेवन रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसका नियमित उपयोग मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है।
14. मूत्राशय की सूजन
इसका काढ़ा मूत्राशय और किडनी की सूजन को कम करता है। साथ ही यह संक्रमण को भी शांत करता है।
15. कफ और श्वसन रोग
खांसी, कफ और गले की खराश में गोकुलकांता (तालमखाना)उपयोगी है। यह बलगम को पतला करता है और सांस की नली को साफ रखता है।
16. नेत्र रोग (Eye Disorders)
गोकुलकांता (तालमखाना)का रस या अर्क आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों की जलन व लालिमा को कम करने में सहायक है।
17. सिरदर्द और माइग्रेन
गोकुलकांता (तालमखाना) का लेप माथे पर लगाने से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या में आराम मिलता है।
18. घाव और चोट
इस पौधे की पत्तियों का लेप घाव, फोड़े और जलने पर लगाने से घाव जल्दी भरते हैं और संक्रमण नहीं होता।
19. एंटीऑक्सीडेंट गुण
गोकुलकांता (तालमखाना) शरीर से फ्री-रेडिकल्स को बाहर निकालकर कोशिकाओं की रक्षा करता है। यह शरीर को डिटॉक्स करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
20. सामान्य स्वास्थ्य टॉनिक
गोकुलकांता (तालमखाना) का सेवन एक सामान्य हेल्थ टॉनिक की तरह किया जाता है। यह शरीर को संतुलित रखता है, मानसिक और शारीरिक शक्ति बढ़ाता है और रोगों से बचाव करता है।
इस तरह गोकुलकांता (तालमखाना) एक ही समय में मूत्रवर्धक, बल्य, यौन शक्ति वर्धक, रक्तवर्धक और पाचन सुधारक औषधि है।
गोकुलकांता (तालमखाना) के नुकसान (Disadvantages / Side Effects)
अत्यधिक सेवन से दस्त या पेट खराब हो सकता है।
अधिक मात्रा में प्रयोग करने से रक्तचाप कम हो सकता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बिना चिकित्सक की सलाह के उपयोग नहीं करना चाहिए।
लंबे समय तक बिना विशेषज्ञ की देखरेख के सेवन करने से लीवर पर असर पड़ सकता है।
एलर्जी प्रवृत्ति वाले लोगों को इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए।
निष्कर्ष:
गोकुलकांता(तालमखाना) (Hygrophila auriculata) एक बहुउपयोगी औषधीय पौधा है जो शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन, इसे हमेशा सीमित मात्रा और चिकित्सक की सलाह से ही उपयोग करना चाहिए ताकि इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सके।
लेख पढने के लिए धन्यवाद।
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